Tanvi: The Great Movie Review: इसकी कहानी है एक ऐसी बच्ची की, जो थोड़ी अलग है — लेकिन उसका दिल बहुत मजबूत है। उसका नाम है तन्वी। वह अपने पापा का सपना पूरा करना चाहती है, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। क्या वो यह कर पाएगी? यही है इस फिल्म का असली सवाल।
कहानी की शुरुआत
सबकुछ तब बदलता है जब तन्वी की मम्मी एक ज़रूरी काम के लिए अमेरिका चली जाती हैं। तन्वी को उसके दादाजी के पास छोड़ दिया जाता है, जो पहले फौज में थे। दादाजी को शुरू में तन्वी को समझना मुश्किल लगता है, लेकिन फिर दोनों के बीच एक प्यारा रिश्ता बन जाता है।
एक दिन तन्वी को अपने पापा का एक पुराना वीडियो मिलता है। उसमें वो अपने अधूरे सपने की बात कर रहे होते हैं — वो आर्मी में कुछ खास करना चाहते थे, लेकिन कर नहीं पाए। तन्वी ठान लेती है कि अब वो पापा का सपना खुद पूरा करेगी। लेकिन तन्वी को ऑटिज्म है, और यही बनता है उसकी सबसे बड़ी चुनौती।
क्या फिल्म में कुछ खास है?
लैंसडाउन की वादियों में शूट हुई यह फिल्म बहुत शांत है — जैसे सुबह की ठंडी हवा। पहाड़, हरियाली और आसमान — सब कुछ फिल्म का हिस्सा बन जाते हैं। इसमें कोई बड़ी-बड़ी बातें या शोर-शराबा नहीं है। सिर्फ दिल से कही गई एक सच्ची बात है।
फिल्म आपके मन में चुपचाप उतरती है और वहां अपनी जगह बना लेती है।
अभिनय की बात करें तो
शुभांगी दत्त ने ऐसा अभिनय किया है कि आप भूल जाते हैं कि आप एक एक्टर को देख रहे हैं। लगता है जैसे वो सच में तन्वी ही हैं। अनुपम खेर ने दादाजी का रोल ऐसा निभाया है कि कभी वो सख्त लगते हैं, और कभी इतने कोमल कि आंखें भर आएं।
जैकी श्रॉफ, बोमन ईरानी और अरविंद स्वामी जैसे कलाकार छोटे रोल में भी दिल जीत लेते हैं। और हॉलीवुड एक्टर इयान ग्लेन का कैमियो देखकर आपको लगेगा कि यह फिल्म वाकई खास है।
देखनी चाहिए या नहीं?
अगर आपको शोर मचाने वाली फिल्में नहीं बल्कि महसूस करने वाली फिल्में पसंद हैं, तो ‘तन्वी: द ग्रेट’ ज़रूर देखें। यह फिल्म सिखाती है कि अगर इरादा साफ हो, तो कोई भी सपना पूरा हो सकता है — चाहे रास्ता कितना भी मुश्किल क्यों न हो।