Son of Sardaar 2 Movie Review: जस्सी रंधावा (अजय देवगन) एक भोला-भाला सरदार है, जिसकी एक ही ख्वाहिश है – अपनी बीवी के साथ घर बसाना। लेकिन उसकी पत्नी डिंपल (नीरू बाजवा) पिछले 10 सालों से इंग्लैंड में है और जस्सी इंडिया में वीजा का इंतज़ार कर रहा है। जैसे ही उसे बुलावा आता है, उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता। लेकिन कहानी तब पलट जाती है, जब डिंपल उसे तलाक देने की बात कहती है।
इसी दौरान कहानी में आती है पाकिस्तानी डांस ग्रुप की एंट्री। ग्रुप की लीडर राबिया (मृणाल ठाकुर) है और उसमें उसके पति दानिश, बेटी सबा और कुछ और किरदार भी हैं। दानिश एक रशियन औरत के पीछे भाग जाता है, और सबा अपने बॉयफ्रेंड से शादी करना चाहती है, लेकिन उसके पापा के नखरे खत्म नहीं होते। इस सब के बीच जस्सी की एंट्री इन सबकी ज़िंदगी को उलझा भी देती है और हंसी से भर भी देती है।
फिल्म कैसी बनी है?
फिल्म में कॉमेडी, ड्रामा, इमोशन, और हल्की-फुल्की रोमांस का ज़बरदस्त तड़का है। पहली हाफ में तो आपको हंसते-हंसते पेट पकड़ना पड़ सकता है। जस्सी की भोली बातें और उसका वीजा के लिए इंतजार मज़ेदार तरीके से दिखाया गया है। दूसरी हाफ में थोड़ा इमोशन जुड़ता है, लेकिन कहानी हंसी का रंग नहीं छोड़ती।
फिल्म में भारत-पाकिस्तान के किरदारों को भी एक हल्के-फुल्के अंदाज़ में दिखाया गया है, जिससे ह्यूमर बना रहता है और कोई नेगेटिविटी महसूस नहीं होती।
अभिनय कैसा रहा?
अजय देवगन अपने पुराने मस्तीभरे अंदाज़ में वापस आए हैं। मृणाल ठाकुर ने अपने हिस्से का काम ठीक से किया है। लेकिन असली सरप्राइज़ है दीपक डोबरियाल — उन्होंने ट्रांसजेंडर का किरदार इतनी खूबसूरती से निभाया है कि दर्शक हैरान रह जाते हैं। रवि किशन, जो भोजपुरी टच वाले सरदार बने हैं, भी अपने रोल में खूब जमे हैं। मुकुल देव की यह आखिरी फिल्म है और उन्होंने अपने हर सीन में हंसाने का काम पूरी ईमानदारी से किया है।
देखें या नहीं?
अगर आप लॉजिक से ज़्यादा हंसी और मस्ती पसंद करते हैं, तो Son of Sardaar 2 आपको निराश नहीं करेगी। यह फिल्म साफ-सुथरी कॉमेडी, हल्के-फुल्के इमोशन और परिवार के साथ बैठकर देखने लायक मूड देती है।
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